सहने पड़ रहे हैं सभी कुछ इसलिए नदी भी एक नारी ही है। सहने पड़ रहे हैं सभी कुछ इसलिए नदी भी एक नारी ही है।
क्यों लड़की होने के एहसास में रही सुलगती.....! क्यों लड़की होने के एहसास में रही सुलगती.....!
मानवता अब बची नहीं है पत्थर के इंसानों की! मानवता अब बची नहीं है पत्थर के इंसानों की!
हर घर आज भी नारी के लिए केवल बना हुआ परदेस है। हर घर आज भी नारी के लिए केवल बना हुआ परदेस है।
कभी कहते हो अबला हूँ मैं, कभी मातृ शक्ति का आश्वासन दिया । मेरे आँसुओं के सिंहासन पर, सदैव पुरुष ... कभी कहते हो अबला हूँ मैं, कभी मातृ शक्ति का आश्वासन दिया । मेरे आँसुओं के सिंह...
स्वयं को समर्पित तुझको कर दूँ, इच्छाऐं मेरी खास नहीं ॥ स्वयं को समर्पित तुझको कर दूँ, इच्छाऐं मेरी खास नहीं ॥